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अलुवामई का उदय: भारत का पहला स्मार्ट मेट्रो गांव, ग्रामीण पुनर्जागरण की नई शुरुआत

दिनांक: 1 मई 2025
स्थान: स्वर्णा वैली – अलुवामई, कुंडा, प्रतापगढ़ जिला, उत्तर प्रदेश, भारत

उत्तर प्रदेश के आध्यात्मिक नगर कुंडा की गोद में बसा शांत गांव अलुवामई, जो कभी अपनी दिव्य शांति और संत परंपरा के लिए प्रसिद्ध था, अब भविष्य की ओर एक नया अध्याय लिख रहा है। प्राचीन वट वृक्षों की छांव में, जो सदियों से प्रार्थनाओं के साक्षी रहे हैं, एक साहसी परिवर्तन की कहानी शुरू हो गई है। यह केवल एक आवासीय योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत को विश्व के लिए प्रेरणा बनाने का स्वप्न है—ई-विलेज हाउसिंग स्कीम

स्वर्ण भारत परिवार ट्रस्ट, कार्तिकेय फाउंडेशन, और पियूष ग्रुप (रियल एस्टेट विंग) के सहयोग से शुरू की गई यह पहल, अलुवामई को विश्व का पहला स्मार्ट मेट्रो गांव बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है—जहाँ परंपरा, नवाचार और सतत विकास एक साथ सांस लेते हैं।

हर सपने के लिए एक घर

गांव के भीतर आधुनिक जीवनशैली और ग्रामीण सौंदर्य का संतुलन प्रदान करने वाले अनेक आवास विकल्प उपलब्ध हैं:

  • 1 BHK नेचर कॉटेज – प्रकृति की गोद में सादगी और शांति

  • 2 BHK स्मार्ट होम्स – तकनीकी रूप से सुसज्जित आधुनिक निवास

  • डिज़ाइनर विला – सुरुचिपूर्ण और भव्य जीवन के लिए

  • ग्रामीण फार्महाउस – धरती से जुड़ी सुकूनभरी जीवनशैली

  • आयुर्वेद व वेलनेस रेजिडेंस – स्वास्थ्य व आत्म-चिकित्सा के लिए विशेष

  • रिट्रीट होम्स – कलाकारों, लेखकों और चिंतकों के लिए प्रेरणादायक स्थान

भविष्य के लिए निर्मित गांव

अलुवामई एक हरित और तकनीकी रूप से सशक्त गांव के रूप में विकसित हो रहा है:

  • सौर ऊर्जा, वर्षा जल संचयन और अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था

  • हाई-स्पीड इंटरनेट, होम ऑटोमेशन और 24×7 सुरक्षा

  • बायोमेट्रिक प्रवेश और पारदर्शी प्रशासन

  • सामुदायिक कैफ़े, एम्फीथिएटर और क्लब हाउस जैसी सुविधाएं

स्वास्थ्य और आत्मिक शांति का केंद्र

यह सिर्फ रहने की जगह नहीं, बल्कि पुनरुत्थान का स्थान है:

  • पूर्ण आयुर्वेद केंद्र जिसमें पंचकर्म और प्राकृतिक चिकित्सा

  • योग और ध्यान के लिए हरियाली से भरे विशेष क्षेत्र

  • औषधीय बगिचे और शांतिपूर्ण ट्रेल्स

सशक्तिकरण के माध्यम से परिवर्तन

अलुवामई ग्रा

मीण उन्नति और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है:

  • महिला उद्यमिता केंद्र – महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु

  • ग्राम स्टार्टअप और 

  • स्किल जोन – नवाचार को बढ़ावा देने के लिए

  • हैंडलूम और हस्तशिल्प हॉल – भारत की पारंपरिक कलाओं को नया जीवन देने हेतु

एरमिना कारमेन, हाउसिंग सोसायटी प्रमुख कहती हैं:
“यह स्थान महिलाओं, एकल माताओं और उद्यमियों के लिए एक स्वाभिमानी जीवन का अवसर है। यूरोप के नागरिक इस विचार से प्रेरित होकर इसे अपना घर बनाना चाहते हैं।”

एक वैश्विक आदर्श

यह गांव केवल स्थानीय निवासियों के लिए नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक स्वागत योग्य स्थान है:

  • ग्लोबल रेजीडेंसी और कॉन्फ्रेंस ज़ोन – अंतरराष्ट्रीय सहयोग हेतु

  • एनआरआई और ग्रीन इन्वेस्टर्स के लिए निवेश के अवसर

  • आध्यात्मिक अनुसंधान केंद्र – विश्व संवाद और खोज का केंद्र

वर्जीनिया रिवेरा, संयुक्त राज्य अमेरिका की एक अंतरराष्ट्रीय भागीदार कहती हैं:
“भारत की संस्कृति और अध्यात्म विश्व को आकर्षित करते हैं। अलुवामई उस संदेश का मूर्त रूप है—एकता और स्वास्थ्य का नया घर।”

महर्षि डंडी स्वामी, परियोजना के आध्यात्मिक मार्गदर्शक कहते हैं:
“वसुधैव कुटुंबकम”—पूरा विश्व एक परिवार है। अलुवामई इस भावना को जीवंत करता है।

दृष्टा: एडवोकेट पियूष पंडित

“यह केवल एक परियोजना नहीं, बल्कि एक क्रांति है,” कहते हैं एडवोकेट पियूष पंडित, इस युगांतकारी पहल के मार्गदर्शक।
“हम दिखा रहे हैं कि भारत के गांव भी विलासिता, स्वास्थ्य और स्थिरता के केंद्र बन सकते हैं। हम भारत की आत्मा को संजोते हुए कल का निर्माण कर रहे हैं।”

अपना स्थान सुनिश्चित करें – सीमित अवसर

अंतरराष्ट्रीय रुचि के साथ सीमित भूखंड उपलब्ध हैं। आज ही इस ऐतिहासिक परिवर्तन का हिस्सा बनें।

बुकिंग व ब्रॉशर के लिए संपर्क करें:
स्वर्ण भारत परिवार ट्रस्ट और कार्तिकेय फाउंडेशन (विवरण अनुरोध पर उपलब्ध)

अलुवामई – जहाँ भारत की आत्मा और विश्व का भविष्य एक साथ मिलते हैं।

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