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ई-विलेज: आत्मनिर्भर भारत की नई पहचान — विश्व का पहला सतत जीवनशैली गांव

ई-विलेज: आत्मनिर्भर भारत की नई पहचान — विश्व का पहला सतत जीवनशैली गांव

ई-विलेज:जहाँ भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा, व्यायाम और पर्यावरण के साथ संतुलित जीवन की हर आवश्यकता एक ही परिसर में 

कुंडा, प्रतापगढ़ (भारत) 13.12.2025: ग्रामीण विकास और सतत जीवनशैली के क्षेत्र में भारत ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। ई-विलेज को विश्व का पहला पूर्णतः सतत (Sustainable) गांव घोषित किया गया है, जहाँ लोगों को भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा, व्यायाम, पर्यावरण-अनुकूल सुविधाएँ और आत्मनिर्भर जीवन से जुड़ी सभी आवश्यकताएँ एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जा रही हैं।

ई-विलेज की परिकल्पना एक ऐसे आदर्श गांव के रूप में की गई है, जहाँ प्रकृति, तकनीक और मानवीय मूल्यों का संतुलित समन्वय हो। यहाँ स्वच्छ व पौष्टिक भोजन, योग-व्यायाम व स्वास्थ्य गतिविधियाँ, हरित वातावरण, सामुदायिक जीवन, स्वावलंबन आधारित आजीविका और सतत विकास पर आधारित बुनियादी ढांचा लोगों के जीवन स्तर को नई ऊँचाई देता है।

इस पहल के पीछे अधिवक्ता पीयूष पंडित, अध्यक्ष — स्वर्ण भारत परिवार ट्रस्ट, की दूरदर्शी सोच और सामाजिक प्रतिबद्धता है। उनका मानना है कि “सतत विकास तभी संभव है जब शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण को समान प्राथमिकता दी जाए।” इसी दृष्टि के साथ ई-विलेज में वंचित एवं ग्रामीण बच्चों के लिए निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था की गई है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ जागरूक, सक्षम और आत्मनिर्भर बन सकें।

पीयूष पंडित की दृष्टि में ई-विलेज केवल एक गांव नहीं, बल्कि भविष्य का मॉडल है—जहाँ विकास का अर्थ केवल सुविधाएँ नहीं, बल्कि सम्मानजनक जीवन, अवसरों की समानता और प्रकृति के साथ सामंजस्य है। उनका लक्ष्य है कि यह मॉडल देश-विदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए प्रेरणा बने और सतत विकास की दिशा में ठोस परिवर्तन लाए।

 

ई-विलेज आज यह सिद्ध कर रहा है कि यदि दृष्टि स्पष्ट हो और उद्देश्य सेवा का हो, तो ग्रामीण भारत भी वैश्विक नेतृत्व का उदाहरण बन सकता है।

 

 

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