इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शिक्षण संस्थानों में खाली एससी/एसटी पोस्ट को भरने के लिए 13 पॉइंट रोस्टर के साथ संस्थान वार आरक्षण लागू करने का आदेश दिया था, जबकि पहले यह आरक्षण विभागवार तय होता था. इलाहाबाद हाई कोर्ट के केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने आदेश में इस चुनौती को खारिज कर दिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक यूजीसी ने सर्कुलर जारी कर सभी उच्च शिक्षण संस्थाओं में विभागवार की जगह संस्थान वार आरक्षण लागू करने का आदेश दिया था
गौरतलब है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में 13 पॉइंट रोस्टर वाले आरक्षण की नई व्यवस्था के विरोध में मंगलवार यानी आज कई संगठनों ने भारत बंद आयोजित किया है.कल यानी 6 मार्च, बुधवार को कैबिनेट की अंतिम बैठक है, क्योंकि इसके बाद लोकसभा चुनाव की घोषणा होनी है. इससे पहले ही पीएम मोदी को इस मसले पर निर्णय लेना होगा कि सुप्रीम कोर्ट के 22 जनवरी, 2019 के आदेश को पलटते हुए अध्यादेश लाया जाए या नहीं.
सूत्रों के मुताबिक इस बारे में सरकार एक अध्यादेश ला सकती है कि विश्वविद्यालओं में विभागवार की जगह संस्थानवार आरक्षण लागू किया जाए
इस सरकार ने वोट के लालच में एससी एसटी ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदल डाला।
पर अब सवर्णों के अधिकारों पर सीधे तौर पर चोट करने जा रही है।
अध्यादेश तो धारा 370 , 35 A , तथा राम मंदिर पर लाया जाना देश हित में है पर सरकार वोट हित में दुबारा सवर्ण हितों के खिलाफ अध्यादेश ला रही है।
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